11/23/2013

बच्चे

बच्चे
होते हैं मन के सच्चे
कभी उदास नहीं होते
चिंताओं से दूर
कोशों दुर
वहीँ बड़ों के मुख पर चिंताओं की
गहरी लकीरें खिचीं होती हैं
मानो दुनिया का सारा बोझ
इन्ही के कन्धों पर हो

मुझे पता नहीं
बच्चे इतने उन्मुक्त कैसे होते हैं
बड़े इतने चिन्तायुक्त क्यों होते हैं।

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